School Principal Message

शिक्षा से मेरा अभिप्राय बालक तथा मनुष्य मे निहित शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक श्रेष्ठतम शक्तियों का अधिकतम विकास है।

महात्मा गाँधी के उक्त कथन के आलोक में यह स्पष्ट है कि विद्यार्थियों के चरित्र-निर्माण एवं व्यक्तित्व-परिसंस्कार में शिक्षा की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति, चिंतन परंपरा एवं मेधा विश्व का वैचारिक व नैतिक मार्गदर्शन करती रही है। ज्ञानार्जन की इस यात्रा में केंद्रीय विद्यालय संगठन विद्यार्थियों में उच्च नैतिक मूल्यों, सामासिक संस्कृति व नवाचार के विकास की दृष्टि से सजग प्रहरी की भूमिका का निर्वहन कर रहा है। शिक्षा उज्ज्वल भविष्य की आधारभूमि निर्मित करती है। संस्कारयुक्त शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र प्रेम, सदभाव, त्याग, करुणा, प्रेम, समर्पण, सत्य, अहिंसा आदि गुणों से विभूषित विद्यार्थी ही युग परिवर्तन के प्रणेता सिद्ध होते हैं। अतः युगानुरूप शिक्षा के अभाव में सशक्त, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र की कल्पना असंभव है।

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखते हुए, वैश्विक संदर्भ में अपेक्षित परिवर्तन एवं संभावनाओं के दृष्टिगत शिक्षा पद्धति में नवीन शोध व नवाचार का समावेश आवश्यक है। अतः राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उत्कृष्ट जीवन मूल्यों से युक्त, आत्मविश्वास से परिपूर्ण वैश्विक नागरिक के रूप में विद्यार्थियों के व्यक्तित्व निर्माण में सक्षम शिक्षा पद्धति का प्रारूप प्रस्तुत किया गया है। आजादी के अमृत काल में भारत एक राष्ट्र के रूप में स्वयं को पुनर्परिभाषित कर रहा है। अतः केंद्रीय विद्यालय संगठन भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में व्याख्यायित तथ्यों को आत्मसात करते हुए देश के भावी कर्णधारों के नवोन्मेषक एवं नेतृत्वकर्ता के रूप में व्यक्तित्व निर्माण हेतु प्रतिबद्ध है। आंतरिक प्रेरणा से उत्पन्न सकारात्मक विचारशक्ति ही महान लक्ष्यों के संधान में सहायक सिद्ध होती है तथा उत्कृष्ट उपलब्धियां सदैव दृढ संकल्प, कठिन परिश्रम एवं अथक प्रयास का प्रतिफल होती हैं। मुझे विश्वास है कि हमारे सम्मानित शिक्षक एवं प्रिय विद्यार्थी अपनी असीम क्षमताओं एवं कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए सफलता के उच्च कीर्तिमान स्थापित करेंगे तथा विद्यालय की गरिमा को नए आयाम प्रदान करेंगे।

आप सबके सपरिवार सुख, समृद्धि, शांति, सफलता से परिपूर्ण सुदीर्घ जीवन हेतु अनंत मंगलकामनाओं सहित ।

मधु बाला

प्राचार्या